प्रत्येक अंग की विफलता की जड़ आंत अंग में असंतुलन है- डॉ.चन्द्रकांत | Fmd India
प्रत्येक अंग की विफलता की जड़ आंत अंग में असंतुलन है- डॉ.चन्द्रकांत | Fmd India
डॉ.चन्द्रकांत –“होता य है कि लोग जब कोई बीमारी हो जाती है बुखार आ गया तो उसके लिए तो आ जाते हैं या उसके बारे में तो अधिक से सोचते हैं लेकिन जो गट हमारे बॉडी का एक बहुत बड़ा औरर्गन है इसमें सारे हार्मोस बनते हैं, एक प्रोटेक्टिव लेयर होती है जो बाकी बीमारियों से बचाती है.और जो लोग एक चीज नहीं जानते हैं कि जो गट हेल्थ है वो शरीर के बाकी सारी अंगों से चाहे हार्ट हो,लिवर हो, किडनी हो उनको प्रभावित करती है. सो लोग गट हेल्थ पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते हैं.अब क्या बात होती है गट का काम है प्रोटेक्टिव मैकेनिज्म उत्पन्न करना.अगर गट में जरा सा भी इंटेस्टाइनल वल डैमेज होता है तो उससे वो सारे जो माइक्रोबायोटा होते हैं हार्मफुल बैक्टीरिया होते हैं बाकी ऑर्गन में जा सकते हैं. उस ऑर्गन में अगर जाएंगे इंफ्लेमेशन हो जाएगा. वो ऑर्गन अफेक्ट करेगा और व्यक्ति को पता नहीं चलेगा कि गट की वजह से हो रहा है लेकिन गट की वजह से हो रहा होता है. बहुत सारी दिक्कतें होती है अगर गट हेल्थ प्रॉपर हो तो.उनको रोका जा सकता है या कम किया जा सकता है और इस वक्त बहुत सारा साइंटिफिक एविडेंस आया है डायबिटीज के बारे में और अन्य बीमारियों में क्योंकि जिन लोगों की गट में क्रॉनिक इफला-मेटरी स्टेज होती है अर्थात स्लो रेट पर इंफ्लेमेशन चल रहा है, उनको बीमारिया होने की संभावना ज्यादा रहती है. क्योंकि जब क्रॉनिक इफ्लेम मेशन होता है, तो गट की जो वॉल होती है वो डैमेज हो जाती है और उससे जो गट में हार्मफुल सब्सटेंस है वो बाकी इंफ्लेमेशन सिस्टम को बाकी इम्यून सिस्टम को एक्टिवेट कर देते हैं.अब हमारा इम्यून सिस्टम उस बॉडी का एक चीज से लड़ रहा है, गट अनहेल्दी है उससे जो प्रॉब्लम आई है उससे लड़ेगा तो बाकी बीमारियों से कैसे लड़ कैसे लड़गा ? काफी लाइफ स्टाइल डिजीज भी कहीं ना कहीं कनेक्ट हो जाते हैं. गट से एक चीज काफी लोग जानते हैं कि गट में बहुत सारे बैक्टीरिया,बैक्टी-फास, वायरस,फंजा(कवक) सब होते हैं| अब उसमें कुछ हार्मफुल होते हैं, कुछ खराब वाले होते हैं. हमें करना य है कि जो हेल्पफुल वाले होते हैं हा उनको प्रमोट करना है लेकिन जो हार्मफुल वाले हैं उनको रोकना है| हमें गट हेल्थ के लिए जरूरी है कि ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया जाए कि जो उसके इंटेस्टाइनल दीवार को डैमेज नहीं करें| साथ में प्रोबायोटिक या जो ऐसे बैक्टेरियम जो होते हैं, जो हमारे बॉडी को हेल्प करते हैं उनकी संख्या को इंक्रीज किया जाए| “