Bhaktamar stotra with riddhi mantra pdf
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Bhaktamar stotra with riddhi mantra pdf
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Acharya śrī Mānatuṅgā swami. गया था। उस समय धमय की िक्षा औि प्रभार्ना हेतु आचाययश्री ने भगर्ान् आददनाथ की इस भसि-स्तुसत की िचना की थी, सिस Jainworld Library of Original Jain Literature and Jain Logicwith स्तोत्रैर्जगत्त्रितय-चित्त-हरै-रुदारैः, स्तोष्ये किलाहमपि तं प्रथमं जिनेन्द्रम् ॥2॥ आचार्य श्री मानतुंग स्वामी. परिचय: यह सुप्रससद्ध स्तोत्र है। क्रुद्ध नृपसत द्वािा आचायय मानतुुंग को बलपूर्यक पकड़र्ा कितालों के अुंदि बुंद किर्ा ददया. परिचय: यह सुप्रससद्ध स्तोत्र है। क्रुद्ध नृपसत द्वािा आचायय मानतुुंग को भक्तामर स्तोत्र (संस्कृत) (रचयिता आचार्य मानतुंग स्वामी) भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा मुद्योतकं दलित-पाप-तमो-वितानम् । Jainworld तु म गु न मदहमा हत िु: खिोष, सो तो िर रहो सु ख पोष पापविनाशक है तु म नाम, कमलविकासी ज्यों रवििाम ||९||. Tuma guna-mahimā-hata . Acharya śrī Mānatuṅgā swami. सम्यक्प्रणम्य जिन-पाद-युगं युगादा वालम्बनं भव-जले पततां जनानाम् ॥1॥. यःसंस्तुतः सकल-वांग्मय-तत्त्वबोधा दुद्भूत-बुद्धि-पटुभिः सुरलोक-नाथै ।. I invite volunteers to join us in preparing major Jain prayers and texts Publisher Jain Vishva Bharati LadnunNagaur District (Raj) India Ph: +/ E-mail: books@ ISBNAll right reserved Jain Vishva Bharati, Ladnun No part of this Book Source: Digital Library of India Item ioned: bleJainworld भक्तामर स्तोत्र (संस्कृत) (रचयिता आचार्य मानतुंग स्वामी) भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा मुद्योतकं दलित-पाप-तमो-वितानम् ।. आचार्य श्री मानतुंग स्वामी. Ritual: On chanting this Bhaktamber Strotra Shloka| For Good Family Relations With Riddhi & Mantra By Shweta Jainप र व र क स ख श त एव पर व र म अच छ स ब ध ह त भक Transliteration by Ashok Sethi, asethi@ Proof-reading assistance: Surbhi Sethi Translation by Bhagwan Das Jaini Transliteration Project in progress.